क्या मुहम्मद ﷺ ने शांतिपूर्ण लोगों के साथ अनेक युद्ध किए ?

एक मिथ ये बहुत फैलाया गया है कि मुहम्मद ﷺ ने शांतिपूर्ण लोगों के साथ अनेक युद्ध किए

जबकि सत्य ये है कि मुहम्मद ﷺ ने अपने पूरे जीवन में इस्लाम और मुसलमानों के तहफ्फुज़ के लिए 9 बार दुश्मनाने इस्लाम का सामना किया,

1.बद्र
कब: हिजरत के दूसरे वर्ष मक्के वालों का मदीने पर पहला आक्रमण
कहाँ: मदीने से बाहर बद्र नामक स्थान
परिणामः मक्के वालों के सत्तर लोग युद्ध मेंमारे गए। एवं चौदह मुसलमान शहीद हुए ।

2. ओहद
कबः हिजरत के तीसरे वर्ष मक्के वालों का मदीने पर दूसरा आक्रमण
कहाँ: मदीने के पास ओहद नामक पहाड़ी के नीचे
परिणामः कई मुसलमान शहीद हुए

3. खन्दक
कबः हिजरत के चौथे साल मक्के वालों का मदीने पर तीसरा आक्रमण
कहाँ: मदीने के द्वार पर खाई खोदी गई
परिणामः शत्रु की फौज खाई पार न कर सकी अतः खोदी गई कोई युद्ध नहींहुआ।

4. सुलह हुदैबिया
कबः हिजरत के छठे साल मु. सल्‍ल. उमरा करने हेतु मक्के में प्रवेश करना मक्के वालो ने मक्के से बाहर रोक दिया
कहाँ: मक्के से बहार “हुदैबिया'' नामक स्थान पर
परिणामः कोई युद्ध नही हुआ एवं दोनों पक्षों में संधि हो गई ।

5. फ़तह मक्‍काः
कबः हिजरत के आठवे साल जब मक्के वालों ने संधिको तोड़ दिया।
कहाँ: मक्का
परिणामः कोई युद्ध नहीं हुआ न ही जान व माल की कोई हानि हुई ।

6. ख़ैबर
कबः हिजरत सातवां साल ।
कहाँ: मदीने के पास की खैबर नामक बस्ती में
परिणामः बहुत मामूली झड़प हुई जिसमें एक यहूदी मारा गया

7. मौता
कबः हिजरत सातवां साल ।
कहाँ: जार्डन का पश्चिमी तट
परिणामः घमासान युद्ध हुआ घमासान युद्ध हुआ कई मुस्लिम सिपाही शहीद हुए

8. हुनैन
कबः हिजरत का नौवाँ साल
कहाँ: मक्के के पूर्वी ओर से मुसलमानों पर तीरंदाजी
परिणामः मुस्लमानों को सामने डटा देख शत्रुमैदान छोड़ कर भाग गया

9. तबूक
कबः हिजरत का आठवाँ साल
कहाँ: अरब का उत्तरी तट कोई युद्ध नहीं हुआ ।

आपके पूरे जीवन काल में उक्तवर्णित घटनाओं के अतिरिक्त कोई एक भी ऐसीघटना नही हुई जिसमें किसी प्रकार की कहा सुनी भी हुई हो

जैसा कि ज्ञात है कि “गज़वा-ए-खंदक”, “सुलह, हुदैबिया” “तबूक एवं फ़तह मक्का” में तनिक भी युद्ध नहीं हुआ। और ख़ैबर व हुनैन में मामूली व इस प्रकार की झड़प हुई कि उसे युद्ध नहीं कहा जा सकता। 

अतः निश्चित रूप से यह स्पष्ट हो जाता है कि मुहम्मद सल्ल. के पूरे जीवन काल में युद्ध की केवल तीन घटनाएँ हुई, इनमें आपकी ओर से युद्ध शुरू नही किया गया, बल्कि आत्मरक्षा मे मजबूरन आपको युद्ध करने पड़े...!!!