ग़ैर-मुस्लिम को काफ़िर क्यों कहा जाता है ?

सवाल:- मुसलमान ग़ैर-मुस्लिमों को काफ़िर जैसे बुरे नाम से क्यों पुकारते है

जवाब:- काफ़िर का अर्थ है इंकार करने वाला

अरबी शब्द काफ़िर कुफ्र से बना है कुफ्र का अर्थ है छिपाना या इंकार करना

इस्लामी परिभाषा में काफ़िर वह व्यक़्ति होता है जो इस्लाम की सत्यता और उसकी सच्चाई को छिपाए या इंकार करे 

अंग्रेजी में इस इंकार करने वाले के लिए ग़ैर-मुस्लिम शब्द का प्रयोग किया जाता है

कुरआन मे काफ़िर- कुफ्र और शिर्क के शब्द बहुत सी जगहों पर प्रयुक्त हुए हैं कुफ्र के अर्थ अवसर के अनुरूप विभिन्न होते है

जैसे _ 
इंकार अवज्ञा कृतघनता निरादर और नाक़द्री सच्चाई को छिपाना और अधर्म आदि! कुफ्र करने वाले को अरबी भाषा में काफ़िर कहते है

काफ़िर शब्द व्याकरण की दृष्टि से गुणवाचक संज्ञा है यह अपमानबोधक शब्द नहीं है यह शब्द उन लोगों के लिए भी प्रयुक्त हुआ है जिनके सामने ईश्वरीय धर्म इस्लाम की शिक्षाएँ पेश की गई और उन्होने किसी भी कारण से उनको गलत समझा और इंकार कर दिया

हर धर्म में उस धर्म की मौलिक धारणाओं एवं शिक्षाओं को मानने वालो और न मानने वालों के लिए अलग-अलग विशेष शब्द प्रयुक्त किए जाते है

जैसे _ 
हिन्दू धर्म में उन लोगों के लिए (नास्तिक) (अनार्य) (असभ्य) (दस्यु) और (मलिच्छ) शब्द प्रयुक्त हुए है जो हिन्दू धर्म के अनयायी न हो

अगर कोई व्यक़्ति किसी धर्म की धारणा या शिक्षा को स्वीकार नही करता तो उसे उसका इंकार करने वाला अर्थात काफ़िर नास्तिक ही कहा जाएगा

यदि एक मुसलमान जो सिर्फ नाम से मुस्लिम है लेकिन अपने धर्म का पालन नहीं करता तो वो भी इंकार करने वालों में ही शामिल होगा