एक धन्यवाद तो बनता है, इस्लाम से दुश्मनी करने वाले लोगों का भी , क्योंकि इन लोगों द्वारा इस्लामी अवधारणाओं पर आपत्तियां उठाए जाने के कारण हमें भी बहुत सारी बातें आप लोगों को बताने का मौका मिलता है .
एक साहब हमसे पूछते हैं कि "Zia Imtiyaz तुम अक्सर लोगो को बोलते हो कुरान सच्ची किताब है और पैगम्बर मुहम्मद ﷺ पर नाजिल हुई . मुझे यह बताओ Kufi 6235, bsri 6216, shami 6250, mkki 6212,Iraqi 6214 और आम कुरान 6666 इनमे से कौन सी कुरान सच्ची है ? कुरानी आयत में क्यों फर्क है ? इन् में से कौन सी कुरआन असल हालत में है ? और कौन सी कुरआन पैगम्बर मुहम्मद ﷺ पर नाजिल हुई थी ?
लीजिए उत्तर प्रस्तुत है
क्योंकि इसका उत्तर जानना बहुत से मुस्लिम भाईयों के लिए भी आवश्यक है
प्रश्न करते हुए उन भाई से ये गलती हुई कि वे अलग अलग आयतों की संख्या के कारण कुरान को ही अलग अलग समझ बैठे , जबकि ये सारे विद्वान सेम कुरान के विषय मे ही बता गए हैं ... आयात की संख्या मे फर्क सिर्फ इस कारण आया क्योंकि इन विद्वानों ने कुरान की आयतों की गणना अलग अलग दृष्टिकोण से की है ,
कुछ विद्वानों ने कुरान की हर सूरत के शुरू मे आनेवाले "बिस्मिल्लाह" को अलग आयत के रूप मे गिना है इसलिए उनके विचार मे कुरान मे अधिक आयात हैं बनिस्बत उनके विचार के जो विद्वान बिस्मिल्लाह को अलग आयत के रूप मे नहीं गिनते
कुछ विद्वान मानते थे कि लम्बी आयतों को एक नहीं बल्कि लम्बाई के अनुसार दो या तीन आयतों के रूप मे गिना जाना चाहिए, इसलिए इन्होंने इस प्रकार गणना की तो कुरान की आयतों की संख्या अधिक बताई
इसके विपरीत कुछ विद्वानों ने कुरान की कुछ सूरतों के आरंभ मे आनेवाले कुछ विशेष शब्दों, जैसे "अलिफ लाम मीम", "यासीन", हामीम" आदि को अलग आयत के रूप मे नहीं गिना, इसलिए इनकी गणना मे कुरान की आयतें अन्यों से कम लगीं
एक आम धारणा है कि एक आम कुरान मे 6,666 आयतें होती हैं ... लेकिन ये धारणा बिस्मिल्लाह को गिनकर और बड़ी आयतों को छोटी छोटी तीन चार आयतें मानकर गणना कर के बनाई गई,
यदि आप खुद कुरान की वास्तविक आयतों को गिनिए तो ये 6,236 निकलती हैं ... इसलिए कुफा का मत आज पूरे विश्व के मुस्लिम विद्वान स्वीकार करते हैं कि पवित्र कुरान मे कुल 6,236 आयात हैं ॥